रिएक्शन
घटना के विरोध में यूपी में कई जगह लोग सड़कों पर उतर आए। दिल्ली में भी यूपी भवन के बाहर जेएनयू के छात्रों ने उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन किया। लेकिन, अखिलेश ज्यादा गंभीर नहीं दिखे (देखें वीडियो)। यूपी में एक महिला पत्रकार ने जब उनसे बदायूं की घटना के बारे में सवाल किया तो सीएम ने जवाब दिया, 'आपको तो खतरा नहीं हुआ? धन्यवाद।'
एक्शन
इस मामले में अब तक दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है और तीन आरोपियों को पकड़ा गया है। एक आरोपी अभी भी फरार है। पीड़िताओं के परिजनों ने इस मामले में गांव के ही चार लोगों पर आरोप लगाए हैं।
सीएम ने पुलिस अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े एवं प्रभावी कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने के लिए कहा।
बयानबाजी
बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सूबे में जंगलराज जैसी स्थिति बन गई है। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराए जाने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मिलने जाने वाले थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया।
जांच
उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की। आयोग की सदस्य निर्मला सामंत ने कहा कि यह दिल दहला देने वाली घटना है। राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है।
सीबीआई जांच की मांग
मृतक लड़कियों के पिता ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। मृतक के पिता सोहन लाल का आरोप है कि पुलिस सही सही जांच करने के बजाय उन पर ही समझौता करने का दबाव डाल रही है और धमका रही है। इसके अलावा घर से बाहर भी निकलने नहीं दे रही है।
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