महोदया खतरा मेरी सुरक्षा कौन करेगा।
सेवा में ,
माननीया श्रीमती मीरा कुमार जी
अध्यक्ष
लोकसभा
महामहिम राष्ट्रपति जी
भारत सरकार
महोदय ,
मैं प्रभात रंजन अनुसूचित जाति से आता हूँ ।मैं अपने मोहल्ले के ऊँची जाती के लोगो द्वारा बहुत दिनों से प्रताड़ित किया जाता रहा हूँ। जब बर्दास्त के बाहर हो गया तो न्याय की आस में स्थानीय अनुसूचित जाति / अनुसूचित जाति थाना में अपना रिपोर्ट दर्ज कराने गया तो वहां मेरा आवेदन लिया गया लेकिन कोई RECIEVING नहीं दी गई । उसके बाद पता चला की स्थानीय बरियातु थाना में मेरा आवेदन अग्रसारित कर दिया गया है।स्थानीय बरियातु थाना में बहुत रिक्वेस्ट किया उसके बाद यहाँ आकर जाँच किया गया ।फिर कुछ नहीं किया गया।जब मैंने स्थानीय थाना से जानकारी लेनी चाही तो जवाब मिला की तुम्हारे पछ में कोई गवाह नहीं मिलेगा।और sc/st
केस के झमेले में मुझे नहीं पड़ना।मैंने कहा की स्थान पर आपने जो पाया उसी को देखिये।लेकिन उसपर अभी तक कुछ नहीं हुआ।यहाँ मैंने देखा की किस तरह से sc/st के मामले को दबा दिया जाता है तथा जो व्यक्ति वहाँ जाता है उसको किस तरह और बेचारा बना दिया जाता है ।sc/st थाना जाने और आवाज़ उठाने की वज़ह से अब मेरे जान पर बन गयी है।अगर मुझे कुछ होता है तो उसका जिमेवार कौन होगा।साथ ही ऐसे sc/st थानों ,sc/st आयोग का क्या मतलब है जहाँ सबकुछ सिर्फ एक दिखावा है।ये दिखावा क्यों । sc/st के नाम पर खानापूर्ति क्यों। सधन्याबाद ।
विश्वश्भाजन
प्रभात रंजन
रांची ,झारखण्ड
नोट : थाना में दीये गये अपने आवेदन की प्रति भेज रहा हूँ ।
सेवा में ,
माननीया श्रीमती मीरा कुमार जी
अध्यक्ष
लोकसभा
महामहिम राष्ट्रपति जी
भारत सरकार
महोदय ,
मैं प्रभात रंजन अनुसूचित जाति से आता हूँ ।मैं अपने मोहल्ले के ऊँची जाती के लोगो द्वारा बहुत दिनों से प्रताड़ित किया जाता रहा हूँ। जब बर्दास्त के बाहर हो गया तो न्याय की आस में स्थानीय अनुसूचित जाति / अनुसूचित जाति थाना में अपना रिपोर्ट दर्ज कराने गया तो वहां मेरा आवेदन लिया गया लेकिन कोई RECIEVING नहीं दी गई । उसके बाद पता चला की स्थानीय बरियातु थाना में मेरा आवेदन अग्रसारित कर दिया गया है।स्थानीय बरियातु थाना में बहुत रिक्वेस्ट किया उसके बाद यहाँ आकर जाँच किया गया ।फिर कुछ नहीं किया गया।जब मैंने स्थानीय थाना से जानकारी लेनी चाही तो जवाब मिला की तुम्हारे पछ में कोई गवाह नहीं मिलेगा।और sc/st
केस के झमेले में मुझे नहीं पड़ना।मैंने कहा की स्थान पर आपने जो पाया उसी को देखिये।लेकिन उसपर अभी तक कुछ नहीं हुआ।यहाँ मैंने देखा की किस तरह से sc/st के मामले को दबा दिया जाता है तथा जो व्यक्ति वहाँ जाता है उसको किस तरह और बेचारा बना दिया जाता है ।sc/st थाना जाने और आवाज़ उठाने की वज़ह से अब मेरे जान पर बन गयी है।अगर मुझे कुछ होता है तो उसका जिमेवार कौन होगा।साथ ही ऐसे sc/st थानों ,sc/st आयोग का क्या मतलब है जहाँ सबकुछ सिर्फ एक दिखावा है।ये दिखावा क्यों । sc/st के नाम पर खानापूर्ति क्यों। सधन्याबाद ।
विश्वश्भाजन
प्रभात रंजन
रांची ,झारखण्ड
नोट : थाना में दीये गये अपने आवेदन की प्रति भेज रहा हूँ ।
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