Thursday, February 27, 2014
ये उदितराज कौन है जो दलितों का वोट किसी के लिए मांगे
इंडियन जस्टिस पार्टी के अध्यक्ष उदित राज अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय करने के बाद दलित कर्मचारियों के संगठनों को मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की मुहिम में लगाएंगे। बदले में बीजेपी उन्हें लोकसभा या राज्यसभा में भेजेगी। विलय की औपचारिक घोषणा सोमवार को दिल्ली में बीजेपी नेताओं के साथ बैठक के बाद दिल्ली में होनी है।
शराब लाने से मना करने पर दलित की हत्या
शराब लाने से मना करने पर दलित युवक की ईंट-पत्थर से हत्या करने के बाद उसका शव तालाब में फेंक दिया गया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
बागपत धनौरा सिल्वरनगर गांव में मंगलवार देर शाम दलित युवक रवि को उसके 3 परिचित घर से बुलाकर ले गए थे। बुधवार की दोपहर रवि का शव तालाब में मिला। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने बुलाकर ले जाने वाले तीनों युवकों से पूछताछ की। आरोपियों ने शराब लाने से मना करने पर युवक की हत्या करना कबूल कर लिया।
दलितों की पार्टी में सबसे ज्यादा ब्राह्मणों को टिकट
आधी सीटों पर ब्राह्मण और दलित कैंडिडेट
80 लोकसभा सीटों वाले यूपी में बीएसपी ने सर्वाधिक 23 ब्राहमण प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है। 17 आरक्षित सीटों पर दलित प्रत्याशी हैं। यानि कुल सीटों के आधे का दारोमदार दलित-ब्राह्मण गठजोड़ पर है। इसमें मुसलमानों को जोड़ने के लिए हर जिला कमिटी में एक मुसलमान पदाधिकारी बनाया गया है।
शौच करने गई दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म
पुलिस ने बताया कि महिला के अनुसार घटना के दौरान मंगलवार रात नौ बजे वह खेत में शौच करने गई थी। थानाध्यक्ष ने हालांकि, किसी के गिरफ्तार न होने की बात कही है।
Sunday, February 2, 2014
कोरबा के इस गांव की चौपाल ही है थाना
कोरबा | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित फूलझर एक ऐसा भी गांव है जहां विगत 107 साल से किसी भी प्रकार का झगड़ा-विवाद या चोरी-डकैती नहीं हुई है. जिला मुख्यालय कोरबा से 60 किलोमीटर दूरी पर स्थित फूलझर गांव का एक भी मामला अभी तक थाने में नहीं पहुंचा है. कोई विवाद होता भी है तो निपटारा गांव की चौपाल पर हो जाता है. इसे आदर्श गांव माना गया है.
फूलझर अन्य स्थानों से इसलिए अलग है कि 1907 के बाद से इस गांव में न मारपीट हुई और न ही चोरी हुई. यहां की चौपाल ही थाना और न्याय का मंदिर है. यहां पंच परमेश्वर ही फैसले कर विवाद सुलझा लेते हैं. यही वजह है कि फूलझर को अपराध विहीन आदर्श गांव घोषित होने पर मुख्यमंत्री ने पुरस्कृत किया है.
सूबे के लिए मिसाल बने फूलझर गांव के पटेल रामलाल (75) का कहना है कि उन्हें एक भी ऐसी घटना याद नहीं है, जिसमें कोई मामला थाने तक पहुंचा हो. वह युवा अवस्था से ही गांव के मुखिया हैं. उन्होंने बताया कि यहां भी छोटे-मोटे विवाद होते हैं, लेकिन इनका निपटारा गांव की चौपाल पर कर लिया जाता है.
उन्होंने कहा कि पंच परमेश्वर का फैसला सभी मानते हैं. यहां का हर जवान सिपाही है और उन पर ही गांव व यहां की बहू-बेटियों की सुरक्षा का दारोमदार है. यहां के थाने में रोजनामचे तो हैं, लेकिन आज तक गांव के एक भी व्यक्ति का नाम उनमें दर्ज नहीं है.
कोरबा के पुलिस अधीक्षक रतनलाल डांगी कहते हैं कि फूलझर एक आदर्श गांव है, जिसे अपराध शून्य होने की वजह से पुरस्कार से नवाजा गया है. इससे अन्य गांवों के ग्रामीणों को भी सीख लेनी चाहिए. अगर सूबे में सभी गांव ऐसे ही हो जाएं तो छत्तीसगढ़ को अपराधमुक्त राज्य बनने से कोई रोक नहीं सकता.