हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री की वर्ष 2013 की रिपोर्ट के अनुसार देश में 20 फीसदी खाद्य पदार्थों में मिलावट है या फिर उनकी गुणवत्ता बेहद घटिया है, जिसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। वर्ष 2012-13 में देशभर में खाद्य पदार्थों के 29,328 सैंपल लिए गए थे। इनकी 123 लैब्स में जांच हुई। जांच में पता चला है कि इन सैंपल्स में से 5,180 सैंपल में मिलावट है। यह कुल सैंपल्स का करीब 20 फीसदी है। चिंता की बात यह भी है कि पिछले कुछ सालों में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2008-09 में यह आंकड़ा 8 फीसदी था, जो कि करीब 4 साल में दोगुने से भी ज्यादा पहुंच गया। अभी मिलावट करने वालों पर सख्ती नहीं होती है। देश में हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री के अनुसार वर्ष 2013 में प्रॉसीक्यूशन रेट मात्र 13 फीसदी था। यही रवैया मिलावटखोरों की हिम्मत को और बढ़ा रहा है।
कैसे करें टेस्ट: 20 एमएल कुनकुने पानी में एक चम्मच बेसन या हल्दी पाउडर मिक्स कर लें। इसके बाद इसमें कुछ बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें। यदि पानी का रंग गुलाबी या बैंगनी हो जाए तो समझें इसमें मेटानिल यलो मिलाया गया है।
कैसे करें टेस्ट: आपको जिस सैंपल को टेस्ट करना है, उसका थोड़ा-सा सैंपल हल्के भीगे ब्लौटिंग पेपर (सोख्ता पेपर) पर रखें। यदि पेपर पर धब्बे जाएं तो समझें कि इसमें मैलाकाइट ग्रीन मिलाया गया है।
कैसे करें टेस्ट: 20 एमएल कुनकुने पानी में एक चम्मच बेसन या हल्दी पाउडर मिक्स कर लें। इसके बाद इसमें कुछ बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें। यदि पानी का रंग गुलाबी या बैंगनी हो जाए तो समझें इसमें मेटानिल यलो मिलाया गया है।
कैसे करें टेस्ट: आपको जिस सैंपल को टेस्ट करना है, उसका थोड़ा-सा सैंपल हल्के भीगे ब्लौटिंग पेपर (सोख्ता पेपर) पर रखें। यदि पेपर पर धब्बे जाएं तो समझें कि इसमें मैलाकाइट ग्रीन मिलाया गया है।
स्वास्थ्य पर असर: मैलाकाइट ग्रीन एक रंगीन डाई है। तमाम रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि लंबे समय तक इसका सेवन करने से कैंसर हो सकता है।
3. आइसक्रीम ...
स्वास्थ्य पर असर: आइसक्रीम में वॉशिंग पाउडर मिले होने से लिवर और पेट संबंधी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। लंबे समय तक इसका सेवन और भी खतरनाक है।
स्वास्थ्य पर असर: इन उत्पादों में स्टार्च की मौजूदगी उसकी न्यूट्रीशनल वैल्यू को कम करता है। इससे पेट संबंधी कई बीमारियां होती हैं। इसके शरीर पर कई नकरात्मक असर होते हैं।
शक्कर की मात्रा बढ़ाने के लिए चॉक पाउडर मिलाया जाता है। 10 ग्राम शक्कर लेकर एक गिलास पानी में घोलें। थोड़ी देर में चॉक पाउडर नीचे बैठ जाएगा। चॉक पाउडर से पेट संबंधी कई गंभीर बीमारियां होती हैं।
कॉफी पाउडर में चिकोरी पाउडर मिलाया जाता है। थोड़े से कॉफी के पाउडर को पानी में डाल दें। कॉफी पानी में तैरेगी, लेकिन चिकोरी पाउडर धीरे-धीरे नीचे बैठ जाएगा। चिकोरी पाउडर से डायरिया और ज्वाइंट पेन होता है।
राई और सरसों का तेल ...
पनीर, मावा और दूध...
स्वास्थ्य पर असर: इन उत्पादों में स्टार्च की मौजूदगी उसकी न्यूट्रीशनल वैल्यू को कम करता है। इससे पेट संबंधी कई बीमारियां होती हैं। इसके शरीर पर कई नकरात्मक असर होते हैं।
शक्कर की मात्रा बढ़ाने के लिए चॉक पाउडर मिलाया जाता है। 10 ग्राम शक्कर लेकर एक गिलास पानी में घोलें। थोड़ी देर में चॉक पाउडर नीचे बैठ जाएगा। चॉक पाउडर से पेट संबंधी कई गंभीर बीमारियां होती हैं।
चावल और मैदे में बोरिक एसिड मिलाते हैं। टेस्ट ट्यूब में सैंपल को पानी के साथ मिलाएं और हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें। इसके बाद टरमरिक पेपर स्ट्रिप डुबाेएं। यदि पेपर लाल हो जाए तो समझें इसमें बोरिक एसिड मिला है।
कॉफी पाउडर में चिकोरी पाउडर मिलाया जाता है। थोड़े से कॉफी के पाउडर को पानी में डाल दें। कॉफी पानी में तैरेगी, लेकिन चिकोरी पाउडर धीरे-धीरे नीचे बैठ जाएगा। चिकोरी पाउडर से डायरिया और ज्वाइंट पेन होता है।
काली मिर्च की मात्रा बढ़ाने के लिए पपीते के बीच मिलाए जाते हैं। टेस्ट करने के लिए काली मिर्च को अल्कोहल में डाल दें। काली मिर्च डूब जाएगी, लेकिन पपीते का बीज तैरता रहेगा। पपीते का बीच लिवर प्रॉब्लम करता है।
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