Thursday, February 27, 2014

ये उदितराज कौन है जो दलितों का वोट किसी के लिए मांगे

ये उदितराज कौन है जो दलितों का वोट किसी के लिए मांगे.ऐसे लोगों ने ही दलितों का बेडा गर्क कर रखा है .मायावती जी का काट करने से जी उब गया तो अब दूसरा नाटक. ऐसे  लोगों का दलितों से कुछ लेना देना |

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मोदी के लिए दलित कर्मचारियों से वोट मांगेगे उदित राज

इंडियन जस्टिस पार्टी के अध्यक्ष उदित राज अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय करने के बाद दलित कर्मचारियों के संगठनों को मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की मुहिम में लगाएंगे। बदले में बीजेपी उन्हें लोकसभा या राज्यसभा में भेजेगी। विलय की औपचारिक घोषणा सोमवार को दिल्ली में बीजेपी नेताओं के साथ बैठक के बाद दिल्ली में होनी है।

दलित कर्मचारियों के नेता उदित राज ने इंडियन जस्टिस पार्टी का गठन 2003 में किया था। उनकी पार्टी 2009 में 45 सीटों पर लोकसभा चुनाव और 50 से अधिक सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ी थी। उदित राज मायावती के वोट बेस में सेंध मारना चाहते थे लेकिन दलित बीएसपी छोड़ कर उनकी तरफ देखने को भी तैयार नहीं हुए। इससे निराश होकर उदित राज ने यह कदम उठाया है।

उदित राज का कहना है कि न मेरे पास काला धन था न जातीय समीकरण अनुकूल थे। उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाने के लिए पैसा भी नहीं था सो 2009 के बाद मैंने इंडियन जस्टिस पार्टी पर ध्यान देना बंद कर दिया था। उदित राज ने कहा कि हमारी असली ताकत अनुसूचित जाति, जनजाति कर्मचारी परिसंघ है, जिससे 20 लाख दलित कर्मचारी जुड़े हुए हैं। उन्हीं के बूते मैं बीजेपी के साथ जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि बीजेपी का दलितों के प्रति रवैया काफी बदला है और उन्हें आशा है कि मोदी देश को सशक्त नेतृत्व प्रदान करेंगे।उदित राज ने माना कि वे यूपी या किसी और जगह से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी ने उन्हें संसद में भेजने का वादा किया है। उदित राज पिछले कई महीने से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के संपर्क में थे।

शराब लाने से मना करने पर दलित की हत्या


 शराब लाने से मना करने पर दलित युवक की ईंट-पत्थर से हत्या करने के बाद उसका शव तालाब में फेंक दिया गया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।

 बागपत धनौरा सिल्वरनगर गांव में मंगलवार देर शाम दलित युवक रवि को उसके 3 परिचित घर से बुलाकर ले गए थे। बुधवार की दोपहर रवि का शव तालाब में मिला। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने बुलाकर ले जाने वाले तीनों युवकों से पूछताछ की। आरोपियों ने शराब लाने से मना करने पर युवक की हत्या करना कबूल कर लिया।

दलितों की पार्टी में सबसे ज्यादा ब्राह्मणों को टिकट

पार्टी दलितों की है लेकिन लोकसभा चुनाव के सर्वाधिक टिकट ब्राह्मणों को दिए गए हैं। यही बीएसपी सुप्रीमो मायावती की रणनीति है जिसमें मुसलमानों को जोड़कर यूपी की नंबर वन पार्टी का ख्वाब सजाया गया है। इस सोशल इंजिनियरिंग को कामयाब करने का जिम्मा पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र पर है क्योंकि बाकी ब्राह्मण नेता अपने चुनाव क्षेत्रों में फंस गए हैं।

आधी सीटों पर ब्राह्मण और दलित कैंडिडेट
80 लोकसभा सीटों वाले यूपी में बीएसपी ने सर्वाधिक 23 ब्राहमण प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है। 17 आरक्षित सीटों पर दलित प्रत्याशी हैं। यानि कुल सीटों के आधे का दारोमदार दलित-ब्राह्मण गठजोड़ पर है। इसमें मुसलमानों को जोड़ने के लिए हर जिला कमिटी में एक मुसलमान पदाधिकारी बनाया गया है।

शौच करने गई दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के कुसुंभी गांव में मंगलवार रात एक दलित महिला के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के मामले में पुलिस ने बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के स्थानीय नेता सहित पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अभी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। यह जानकारी पुलिस ने दी। यहां गांव जिले के असोथर थाना के अंतर्गत स्थित है। थानाध्यक्ष शरीफ खान ने बताया, "कुसुंभी गांव की एक दलित महिला की शिकायत पर गांव के ही सपा नेता वीरेन्द्र सिंह चौहान, उनके तीन सगे भाइयों पिंटू शुक्ला, ननका शुक्ला व चुनका शुक्ला सहित सहदेव यादव के खिलाफ बुधवार को मार-पीट व सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया गया है।"

पुलिस ने बताया कि महिला के अनुसार घटना के दौरान मंगलवार रात नौ बजे वह खेत में शौच करने गई थी। थानाध्यक्ष ने हालांकि, किसी के गिरफ्तार न होने की बात कही है।

Sunday, February 2, 2014

कोरबा के इस गांव की चौपाल ही है थाना

कोरबा | एजेंसी: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित फूलझर एक ऐसा भी गांव है जहां विगत 107 साल से किसी भी प्रकार का झगड़ा-विवाद या चोरी-डकैती नहीं हुई है. जिला मुख्यालय कोरबा से 60 किलोमीटर दूरी पर स्थित फूलझर गांव का एक भी मामला अभी तक थाने में नहीं पहुंचा है. कोई विवाद होता भी है तो निपटारा गांव की चौपाल पर हो जाता है. इसे आदर्श गांव माना गया है.

फूलझर अन्य स्थानों से इसलिए अलग है कि 1907 के बाद से इस गांव में न मारपीट हुई और न ही चोरी हुई. यहां की चौपाल ही थाना और न्याय का मंदिर है. यहां पंच परमेश्वर ही फैसले कर विवाद सुलझा लेते हैं. यही वजह है कि फूलझर को अपराध विहीन आदर्श गांव घोषित होने पर मुख्यमंत्री ने पुरस्कृत किया है.

सूबे के लिए मिसाल बने फूलझर गांव के पटेल रामलाल (75) का कहना है कि उन्हें एक भी ऐसी घटना याद नहीं है, जिसमें कोई मामला थाने तक पहुंचा हो. वह युवा अवस्था से ही गांव के मुखिया हैं. उन्होंने बताया कि यहां भी छोटे-मोटे विवाद होते हैं, लेकिन इनका निपटारा गांव की चौपाल पर कर लिया जाता है.

उन्होंने कहा कि पंच परमेश्वर का फैसला सभी मानते हैं. यहां का हर जवान सिपाही है और उन पर ही गांव व यहां की बहू-बेटियों की सुरक्षा का दारोमदार है. यहां के थाने में रोजनामचे तो हैं, लेकिन आज तक गांव के एक भी व्यक्ति का नाम उनमें दर्ज नहीं है.

कोरबा के पुलिस अधीक्षक रतनलाल डांगी कहते हैं कि फूलझर एक आदर्श गांव है, जिसे अपराध शून्य होने की वजह से पुरस्कार से नवाजा गया है. इससे अन्य गांवों के ग्रामीणों को भी सीख लेनी चाहिए. अगर सूबे में सभी गांव ऐसे ही हो जाएं तो छत्तीसगढ़ को अपराधमुक्त राज्य बनने से कोई रोक नहीं सकता.