Friday, September 12, 2014

जानिए कौन हैं इरोम शर्मीला? क्यों की 14 साल तक भूख हड़ताल

जानिए कौन हैं इरोम शर्मीला? क्यों की 14 साल तक भूख हड़ताल
जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के 15/10 के एक छोटे से वॉर्ड में कुछ किताबों और पौधों के साथ नजर बंद इरोम चानू शर्मिला को 14 साल बाद आज़ादी मिली है। हाल ही में मणिपुर कोर्ट ने इरोम को रिहा किया है। इरोम 4 नवम्बर 2000 से भूख हड़ताल पर हैं। यह हड़ताल मणिपुर में विशेष आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर (AFSFA) एक्ट को हटाने के लिए की गई। इरोम को इंफाल के मालोम नामक स्थान से हिरासत में लिया गया था।
 
2 नवम्बर 2000 को सुरक्षा बलों ने मालोम के बस स्टैण्ड पर अंधाधुंध गोलियां चला कर 10 मासूमों को मार डाला था। मृतकों में 62 वर्षीय एक वृद्धा भी थी और 18 साल का एक राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त युवक भी। इसके विरोध में इरोम ने AFSFA को हटवाने के लिए भूख हड़ताल शुरू कर दी। तीन दिन बाद ही उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया। तब वह महज 27 साल की थीं। तब से उन्हें आईपीसी की धारा 309 के तहत हिरासत में रखा जाता है। इस धारा के मुताबिक अत्महत्या के प्रयास के लिए 1 साल से ज्यादा कैद में नहीं रखा जाता। इसी कारण इरोम को हर साल रिहा कर अगले दिन फिर हिरासत में ले लिया जाता है।   
 
2014 के MNS पोल में उन्हें भारत की महिला आइकन के सम्मान से नवाजा गया, क्योंकि वह विश्व की सबसे लंबी भूख हड़ताल करने वाली महिला हैं।
 

सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (एएफएसपीए) के तहत सुरक्षा बलों को किसी को देखते ही गोली मार देने, बिना वारंट और बिना जांच के किसी को भी गिरफ्तार करने जैसे असीमित अधिकार मिल जाते हैं। यह अधिनियम सुरक्षा बलों को इसके तहत की गई किसी भी कार्रवाई के खिलाफ कानूनी प्रकिया से भी बचाता है।

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