Thursday, September 11, 2014

ये है INDIA की सबसे बड़ी समस्या, हेल्थ पर पड़ता इसका सीधा असर



ये है INDIA की सबसे बड़ी समस्या, हेल्थ पर पड़ता इसका सीधा असर

 
खाद्य पदार्थों में मिलावट देश की सबसे बड़ी समस्या है। देश में फल, सब्जियों, दूध से लेकर सॉफ्ट ड्रिंक और डेयरी प्रोडक्ट्स तक में मिलावट होती है। यह देश में तेजी से बढ़ रही है और इस पर सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सख्ती दिखा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट इस वर्ष और इससे पहले भी कई बार कह चुका है कि दूध में मिलावट पर उम्रकैद की सजा होनी चाहिए। मिलावट का मामला कितना गंभीर है, इसका अंदाजा वर्ष 2010 में जारी पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि देश में 80 फीसदी असामयिक मौतों का कारण खाद्य पदार्थों में मिलावट और दूषित पानी का होना है। जानकारों का कहना है कि मिलावट का यह खेल खेत से ही शुरू हो जाता है। पैदावार बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में पेस्टिसाइड्स और फर्टीलाइजर का इस्तेमाल हो रहा है, जो सेहत के लिए खराब है। इसके अलावा मुनाफे के लिए खाद्य पदार्थों में हानिकारक चीजें मिलाई जा रही हैं, जो बेहद खतरनाक है। 
हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री की वर्ष 2013 की रिपोर्ट के अनुसार देश में 20 फीसदी खाद्य पदार्थों में मिलावट है या फिर उनकी गुणवत्ता बेहद घटिया है, जिसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। वर्ष 2012-13 में देशभर में खाद्य पदार्थों के 29,328 सैंपल लिए गए थे। इनकी 123 लैब्स में जांच हुई। जांच में पता चला है कि इन सैंपल्स में से 5,180 सैंपल में मिलावट है। यह कुल सैंपल्स का करीब 20 फीसदी है। चिंता की बात यह भी है कि पिछले कुछ सालों में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2008-09 में यह आंकड़ा 8 फीसदी था, जो कि करीब 4 साल में दोगुने से भी ज्यादा पहुंच गया। अभी मिलावट करने वालों पर सख्ती नहीं होती है। देश में हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री के अनुसार वर्ष 2013 में प्रॉसीक्यूशन रेट मात्र 13 फीसदी था। यही रवैया मिलावटखोरों की हिम्मत को और बढ़ा रहा है।
ये है INDIA की सबसे बड़ी समस्या, हेल्थ पर पड़ता इसका सीधा असर

ये है INDIA की सबसे बड़ी समस्या, हेल्थ पर पड़ता इसका सीधा असर
स्वास्थ्य पर असर: मैलाकाइट ग्रीन एक रंगीन डाई है। तमाम रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि लंबे समय तक इसका सेवन करने से कैंसर हो सकता है।

ये है INDIA की सबसे बड़ी समस्या, हेल्थ पर पड़ता इसका सीधा असर
3. आइसक्रीम ...
 
स्वास्थ्य पर असर: आइसक्रीम में वॉशिंग पाउडर मिले होने से लिवर और पेट संबंधी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। लंबे समय तक इसका सेवन और भी खतरनाक है।

ये है INDIA की सबसे बड़ी समस्या, हेल्थ पर पड़ता इसका सीधा असर
राई और सरसों का तेल ...
 
 
 

ये है INDIA की सबसे बड़ी समस्या, हेल्थ पर पड़ता इसका सीधा असर
पनीर, मावा और दूध..
 

स्वास्थ्य पर असर: इन उत्पादों में स्टार्च की मौजूदगी उसकी न्यूट्रीशनल वैल्यू को कम करता है। इससे पेट संबंधी कई बीमारियां होती हैं। इसके शरीर पर कई नकरात्मक असर होते हैं।

ये है INDIA की सबसे बड़ी समस्या, हेल्थ पर पड़ता इसका सीधा असर

शक्कर की मात्रा बढ़ाने के लिए चॉक पाउडर मिलाया जाता है। 10 ग्राम शक्कर लेकर एक गिलास पानी में घोलें। थोड़ी देर में चॉक पाउडर नीचे बैठ जाएगा। चॉक पाउडर से पेट संबंधी कई गंभीर बीमारियां होती हैं। 
 
 
चावल और मैदे में बोरिक एसिड मिलाते हैं। टेस्ट ट्यूब में सैंपल को पानी के साथ मिलाएं और हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें। इसके बाद टरमरिक पेपर स्ट्रिप डुबाेएं। यदि पेपर लाल हो जाए तो समझें इसमें बोरिक एसिड मिला है।
 

कॉफी पाउडर में चिकोरी पाउडर मिलाया जाता है। थोड़े से कॉफी के पाउडर को पानी में डाल दें। कॉफी पानी में तैरेगी, लेकिन चिकोरी पाउडर धीरे-धीरे नीचे बैठ जाएगा। चिकोरी पाउडर से डायरिया और ज्वाइंट पेन होता है।
 
 
काली मिर्च की मात्रा बढ़ाने के लिए पपीते के बीच मिलाए जाते हैं। टेस्ट करने के लिए काली मिर्च को अल्कोहल में डाल दें। काली मिर्च डूब जाएगी, लेकिन पपीते का बीज तैरता रहेगा। पपीते का बीच लिवर प्रॉब्लम करता है।





दुनिया की सबसे नम धरती है मेघालय, एक गांव में होती है सालभर बारिश


दुनिया की सबसे नम धरती है मेघालय, एक गांव में होती है सालभर बारिश
मासिनराम गांव के मजदूर परंपरागत बांस और केले के पत्ते से बने ये कून्पस का उपयोग करते हैं। ये तेज हवा में भी उड़ते नहीं है।

दुनिया की सबसे नम धरती है मेघालय, एक गांव में होती है सालभर बारिश


भारत का पूर्वोत्तर हिस्सा खूबसूरत है और धरती के इस हिस्से को प्रकृति ने अपनी तमाम नियामतें दी हैं। ये तो सब जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दुनिया का सबसे नम हिस्सा भी है। आमतौर पर जब भी ज्यादा बारिश की बात होती है, तो सभी के जेहन में चेरापूंजी का नाम सबसे पहले आता है, जबकि हकीकत ये है कि चेरापूंजी के अलावा भी मेघालय का एक ऐसा गांव है जो सर्वाधिक बारिश के लिए जाना जाता है। हम आपको उसी गांव की अद्भुत तस्वीरों से रूबरू करा रहे हैं, जहां सालभर बारिश का दौर चलता रहता है।
 
देश के पूर्वी छोर पर मेघालय का मासिनराम गांव के नाम साल भर में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड दर्ज है। यहां प्रतिवर्ष 467 इंच बारिश होती है। इसी वजह से इसे भारत का सबसे 'नम' राज्य भी कहा जाता है। यूं भी मेघालय का अर्थ है बादलों का घर। यहां पर मजदूर अक्सर सड़कों पर बांस और केले के पत्ते से बने छाते को शरीर पर डालकर निकलते हैं। बारिश से सराबोर घाटियां और छोटे-छोटे खूबसूरत पुल यहां के खास आकर्षण हैं। स्थानीय लोगों ने पेड़ों की सहायता से पुल भी बना लिए हैं, जो समय के साथ उनकी जरूरत बनते जा रहे हैं।

you cant fight with nature

जब लड़की के मुंह में फंस गया ताला, डॉक्टर ने मुश्किल से निकाला!

युवती के दातों के बीच कड़ी में फंसा ताला।
 
ताले को मुंह से निकालने की कोशिश करते डॉक्टर।



रांची।
 'मुंह में ताला' लगने की बात अब तक कहावतों में ही सुनने को मिलती थी, लेकिन रांची में यह कहावत सच हो गई। चुटिया में रहनेवाली बीस वर्षीया युवती अपने मुंह में ताला लटकाये गुरुनानक अस्पताल पहुंची तो डॉक्टर भी चौंक गए। देखने वाले लोगों ने यही समझा कि परिवार के लोगों ने चुप रखने के लिए युवती के मुंह में ताला लगा दिया है और वह किसी तरह भागकर यहां पहुंची है, लेकिन मामला तो कुछ और ही था।
 
दर्द से कराहते हुए युवती ने डॉक्टर को बताया कि उसके बक्से में लगे ताले की चाबी कहीं खो गयी थी। ताला खुल नहीं रहा था। तब उसने अपने दांतों से बक्से की कड़ी को तोड़ने की कोशिश की। इसी कोशिश मेें कड़ी ताला सहित उखड़ कर युवती के दांतों में फंस गयी। काफी कोशिश के बाद भी ताला नहीं निकला, तो वह एक लोहार के पास ताला निकलवाने गयी। लोहार ने युवती को बताया कि ताला के साथ दांत भी टूट कर बाहर निकल जायेगा। तब युवती गुरुनानक अस्पताल पहुंची, जहां डेंटिस्ट डॉ ओमप्रकाश ने उसके मुंह से ताला निकाला। राहत की बात है कि युवती को कोई खास नुकसान नहीं हुआ, उसके दांत भी स्वस्थ हैं।

अब सब ठीक है : डॉ ओम प्रकाश

युवती के दांत में फंसे ताले को निकालने वाले डॉ ओम प्रकाश ने बताया कि काफी सोच-विचार कर ताला निकालने का फैसला लिया गया। पहले तो तय किया गया कि ऑपरेशन किया जाए, लेकिन उसकी नौबत नहीं आयी। थोड़ी परेशानी तो हुई, लेकिन युवती के दर्द को देखते हुए उसका जबड़ा सुन्न कर दांत से ताला और बक्से की कड़ी को सही-सलामत निकाल लिया गया। अब युवती बिल्कुल ठीक है। एक सप्ताह के बाद उसे दुबारा चेकअप करने के लिए बुलाया गया है।

Friday, May 30, 2014

DALITO KO JEENE KA HAQ NAHI! FREEDOM?

गैंगरेप कर शव पेड़ पर टांगे जाने के खिलाफ भड़का गुस्सा, सीएम ने हल्के में उड़ाया
 

बदायूं. यूपी के बदायूं जिले में दो बहनों का गैंगरेप कर उनका शव पेड़ पर टांगने की दिल दहलाने वाली घटना की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से जानकारी तलब की। इस पर राज् सरकार की ओर से बताया गया कि मामले में कार्रवाई जारी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का एलान किया उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। इस बीच, नेताओं की बयानबाजी भी जारी है। 

 

रिएक्शन 

घटना के विरोध में यूपी में कई जगह लोग सड़कों पर उतर आए। दिल्ली में भी यूपी भवन के बाहर जेएनयू के छात्रों ने उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन किया। लेकिन, अखिलेश ज्यादा गंभीर नहीं दिखे (देखें वीडियो) यूपी में एक महिला पत्रकार ने जब उनसे बदायूं की घटना के बारे में सवाल किया तो सीएम ने जवाब दिया, 'आपको तो खतरा नहीं हुआ? धन्यवाद।

एक्शन

इस मामले में अब तक दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है और तीन आरोपियों को पकड़ा गया है। एक आरोपी अभी भी फरार है। पीड़िताओं के परिजनों ने इस मामले में गांव के ही चार लोगों पर आरोप लगाए हैं।  

सीएम ने पुलिस अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े एवं प्रभावी कदम उठाने के भी निर्देश दिए हैं और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने के लिए कहा। 

बयानबाजी 

बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सूबे में जंगलराज जैसी स्थिति बन गई है। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराए जाने और राज् में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मिलने जाने वाले थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया। 

जांच

उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की। आयोग की सदस् निर्मला सामंत ने कहा कि यह दिल दहला देने वाली घटना है। राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है।  

सीबीआई जांच की मांग


मृतक लड़कियों के पिता ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। मृतक के पिता सोहन लाल का आरोप है कि पुलिस सही सही जांच करने के बजाय उन पर ही समझौता करने का दबाव डाल रही है और धमका रही है। इसके अलावा घर से बाहर भी निकलने नहीं दे रही है।