Friday, October 12, 2012

बलात्कार- दलितों को नीचा दिखाने का औजार

हरियाणा के सच्चा खेड़ा गाँव पहुँचकर काँग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बलात्कार की शिकार हुई दलित युवती के परिवार वालों से मुलाकात करके काँग्रेस के आलोचकों का मुँह बंद करने की कोशिश की है.

इस युवती ने बलात्कार के बाद खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

हरियाणा में काँग्रेस की सरकार है और पिछले एक महीने में वहाँ बलात्कार के 11 मामले सामने आए हैं. इनमें से ज़्यादातर मामलों में दलित महिलाओं को शिकार बनाया गया.

सोनिया गाँधी ने पत्रकारों से सवालों के जवाब में कहा, ''ये सच है कि बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं लेकिन ऐसा सिर्फ हरियाणा में नहीं देश के सभी राज्यों में हो रहा हैं.'

इसे हरियाणा के काँग्रेसी मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बचाव के तौर पर देखा जा रहा है.

पर दलित महिलाओं पर अत्याचार की खबर सिर्फ हरियाणा तक ही सीमित नहीं है. बिहार के गया ज़िले में एक दलित महिला को सोमवार को जिंदा जला दिए जाने के मामले में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है.

 

ख़ास तौर पर दलित महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अपराधों की क्या वजह है विश्लेषकों का मानना है कि इस चलन का संबंध दरअसल दलित तबके की तरक्की से है बढ़ती सामाजिक हैसियत "इन लड़कियों को नीचा दिखाने के लिए, उनके अधिकारों को कुचलने के लिए उन्हें शिकार बनाया जा रहा है. बलात्कार या इज्जत लूटना एक तरीके है उन्हें नीचा दिखाने का

 दलितों में शिक्षा बढ़ रही है, जिसके कारण वो अधिकारों और बराबरी की मांग करने लगे हैं दलित वे परंपरागत ढांचे तो चुनौती देने लगे हैं, जो कुछ ऊंची जाति के लोगों को रास नहीं रहा है.

 एक समय था जब दलित वो हर काम करते थे जो उन्हें कहा जाता था चाहे वो कितना भी घटिया हो. लेकिन अब वो इनकार करने लगे हैं जो परंपरागत सोच वाले लोगों को कबूल नहीं है.''आने वाले दिनों में ऐसे मामले शायद और देखने को मिलें. इसके बावजूद उन्हें लगता है कि, ''कुछ सांत्वना की बात ये है कि यह एक परिवर्तन का दौर है जिसके बाद आखिरकार ऊंची जाति के लोगों को स्वीकार करना ही होगा कि दलित भी बराबर हैं और उनका शोषण अब नहीं किया जा सकता.''

सोनिया गांधी ने जींद का दौरा किया जहां गैंगरेप के बाद एक दलित महिला ने आत्मदाह किया था.

दलित महिलाएं आसान शिकार बन जाती हैं जिसकी वजह से उनके साथ बलात्कार के यह मामले हो रहे हैं.वे खेतों में या उनके घरों में काम करती हैं. उधर युवकों के पास कोई काम नहीं है और ही उन्हें किसी बात का भय है  उनके शोषण की घटनाएं पहले भी होती थी लेकिन अब वो और उनके समाज के लोग चुप रह कर सहने को तैयार नहीं हैं. इसका कारण है उन्हें अब अपने अधिकारों का अहसास होने लगा है और फिर मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ता भी अहम भूमिका निभा रहे हैं.'शायद यह मीडिया में हरियाणा से बलात्कार की खबरें छाए रहने का नतीजा ही था कि सोनिया गाँधी को सच्चा खेड़ा गाँव जाकर अत्याचार के शिकार हुए दलित परिवार से मुलाकात करनी पड़ी.

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